परिचय छोटा-सा है कि अहा! ज़िंदगी में नौकरी करता हूं, इसी पत्रिका के लिए विभिन्न विषयों पर लिखता रहता हूं। प्रेम पर सकारात्मक चिंतन का एक नियमित स्तंभ ज़िंदगी का प्रेमराग पाठकों के साथ संवाद स्थापित करने की एक कोशिश है, जिसका सिलसिला प्रेमराग नामक इस ब्लॉग के जरिए आगे बढ़ाना चाहता हूं।
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